भारत के महान पुरुष कौन-कौन थे ?
Who were the great men of India?
भारत के इतिहास में कई महान पुरुष हैं जो अपने योगदान के कारण दुनिया भर में मशहूर हैं। यहां कुछ महान भारतीयों के नाम दिए जाते हैं:
1. महात्मा गांधी - स्वतंत्रता संग्राम के प्रखर नेता और अहिंसा के प्रणेता।
2. सरदार वल्लभभाई पटेल - भारत के एकीकरण के प्रणेता और स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति।
3. डॉ. भीमराव अंबेडकर - संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के प्रणेता और भारतीय संघ के निषेधक।
4. जवाहरलाल नेहरू - स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और एक विचारक तथा शांति व्यवस्था के समर्थक।
5. रवीन्द्रनाथ टैगोर - भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता, भारतीय संस्कृति के समर्थक और विचारक।
6. चाणक्य - मौर्य साम्राज्य के नीतिशास्त्रकार और संगठनवादी।
7. स्वामी विवेकानंद - आध्यात्मिक गुरु और भारत के अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रतिनिधित्वकर्ता।
8. राणा प्रताप सिंह - मेवाड़ के राजा और मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ा
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महात्मा गांधी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुखनेताओं में से एक थे।उन्होंने अहिंसा का सिद्धांत अपनाया औरभारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को अहिंसा और सत्याग्रह के द्वारा लाएं। उन्होंने भारतीय इतिहास में अपने देश के लोगों के लिए एक महानआदर्श स्थापित किया।गांधी जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्णअधिकारिक पद भी निभाए, जिनमें से उन्होंने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संविधान सभा के अध्यक्ष,राष्ट्रपिता आदि हैं।उनके द्वारा शुरू की गई आंदोलनों में से सबसे अधिकप्रसिद्ध आंदोलन स्वतंत्रता आंदोलन था जिसे उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के द्वारा लाया था।इस आंदोलन के दौरान उन्होंने भारत को स्वतंत्र करवाने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की।वे एक महान विचारक, एक आध्यात्मिक गुरु, और एक संघर्षक थे जो भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूपमें याद किए जाते हैं।
सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे। उन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। उन्हें भारत के "लौह पुरुष" के नाम से भी जाना जाता है।
सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय राजनीति में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सत्याग्रह और अन्य अधिकारों के अभ्यास के माध्यम से लोगों को संघर्ष करने की प्रेरणा दी। उन्होंने अपनी बुद्धिमता, संघटन और समर्थन के माध्यम से भारत को विभिन्न राज्यों की एकीकरण की दिशा में अग्रसर करने में अहम भूमिका निभाई।
स्वतंत्रता के बाद, सरदार पटेल ने भारत के विभिन्न राज्यों को एकता में लाने के लिए अपने अनूठे नेतृत्व और तय समझौतों के माध्यम से अहम भूमिका निभाई। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम विभाजन के समय देश को एक साथ रखने के लिए काफी प्रयास किए। उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों के राजनीतिक और सामाजिक मुद
डॉ. भीमराव अंबेडकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक महत्वपूर्ण नेता थे और भारत के संविधान के लेखक भी थे। वे भारत के समाज और राजनीति में जाति और असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सबसे अग्रणी नेताओं में से एक थे।
डॉ. अंबेडकर जाति अनुसूचित वर्ग के होने के बावजूद उन्होंने बड़ी शिक्षा हासिल की और ब्रिटिश सरकार से विदेश में अध्ययन करने का मौका प्राप्त किया। वे न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था।
डॉ. अंबेडकर ने भारत के संविधान के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संविधान संशोधन समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया और भारत के संविधान को एक व्यावसायिक और राष्ट्रीय दस्तावेज के रूप में लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विभिन्न आदर्शों जैसे समानता, स्वतंत्रता, न्याय, स्वतंत्रता आदि
जवाहरलाल नेहरु (Jawaharlal Nehru) भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अग्रणी नेता थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के अलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक नेता थे और उन्हें एक स्कूल में शिक्षा दी गई थी जो उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित था। नेहरु ने अपनी शिक्षा को इंग्लैंड में जारी रखा और वहां से स्नातक और वकील की डिग्री हासिल की। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई और उन्हें स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। नेहरु ने अपनी नीतियों के माध्यम से भारत के विकास और प्रगति को बढ़ावा दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में 1947 से लेकर उनकी मृत्यु तक देश की नीतियों को निर्धारित किया।नेहरु ने भारतीय आधुनिकीकरण और विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया।
5.
रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) भारत के एक महान कवि, लेखक, दार्शनिक और सामाजिक सुधारक थे। उनका जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। वे बंगाली साहित्य और संस्कृति के बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति थे और विश्वभर में भी उनकी साहित्यिक उपलब्धियों की मान्यता है।टैगोर ने कई काव्य संग्रह लिखे थे, जिनमें से कुछ भारत की संस्कृति, धर्म और दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित थे। उन्होंने उपन्यास भी लिखे, जिनमें से उनकी सबसे प्रसिद्ध उपन्यास 'घर-बाड़ी' है। टैगोर के कई लेख और पत्र भी हैं, जो विभिन्न विषयों पर आधारित हैं। टैगोर एक सामाजिक सुधारक भी थे और वे विश्वभर में शांति और संवाद के लिए अपने नाटकों के माध्यम से जाने जाते हैं। उन्होंने संघर्ष के बिना विश्व शांति और समानता की बात की थी। टैगोर को 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो पहला एशियाई था जिसे यह सम्मान मिला था।
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चाणक्य (Chanakya) भारत के एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद और विद्वान थे। उनका जन्म लगभग 370 ईसा पूर्व में मगध राज्य के तट पर स्थित जैवन ग्राम में हुआ था।चाणक्य को मौर्य साम्राज्य के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्री और सलाहकार के रूप में जाना जाता है। वे अपनी दिग्गज मानसिकता, विश्वास, नीति और कला के लिए जाने जाते हैं। चाणक्य नीति शास्त्र का उपयोग करते हुए चंद्रगुप्त मौर्य को संचालित करने में मदद करते थे।चाणक्य के द्वारा लिखित अर्थशास्त्र, नीतिशास्त्र और वैदिक अध्ययन संबंधी ग्रंथों का अध्ययन अभी भी आज भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा लिखित "अर्थशास्त्र" किताब, व्यापार, अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और राजनीति से संबंधित विस्तृत ज्ञान का संचय है। चाणक्य के नीति-शास्त्र भी समाज और राजनीति से संबंधित होते हैं जो अधिकतर लोगों के लिए उपयोगी होते हैं।
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) भारत के प्रसिद्ध धार्मिक नेता और विद्वान थे। वे 19वीं शताब्दी के महान विचारकों में से एक थे जिन्होंने भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति और जीवनशैली के बारे में दुनिया को शिक्षा दी।स्वामी विवेकानंद 1863 में कोलकाता में जन्मे थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय भारत भ्रमण करते हुए व्यतीत किया था। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और धर्मान्तर से जुड़ी विषयों पर विस्तृत विचार किए थे।स्वामी विवेकानंद के जीवन में अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे कि उनका विश्व विख्यात चिकागो भ्रमण जहां वे विश्व धर्म सम्मेलन के दौरान विश्वभर के लोगों को भारतीय धर्म और दर्शन के बारे में जानने के लिए प्रेरित करते हुए विशेष भाषण देने गए थे। उन्होंने अपनी वाणी से दुनिया को उजागर कराने के लिए अपने अनेक उपदेश दिए थे जो उनके शिष्यों और अनुयायियों
राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh) भारत के इतिहास में महान वीर योद्धा और राजा थे। वह मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के सबसे प्रसिद्ध राजाओं में से एक थे।राणा प्रताप सिंह का जन्म 1540 ईसा पूर्व में मेवाड़ में हुआ था। वे अपने पिता महाराणा उदय सिंह के बाद मेवाड़ के राजा बने थे।राणा प्रताप सिंह की जीवन की सबसे प्रमुख घटना थी बड़े सागर के किनारे हुए हल्दीघाटी की लड़ाई। इस लड़ाई में वे मुगल सम्राट अकबर के सेनापति मान सिंह के खिलाफ लड़ा था। इस लड़ाई में राणा प्रताप सिंह की सेना बहुत कमजोर थी, लेकिन वे लोगों के इमान और वीरता से भरपूर थे। उन्होंने अपनी सेना को मुगल सेना के खिलाफ लड़ाने के लिए प्रेरित किया और खुद भी लड़ाई में हिस्सा लिया।राणा प्रताप सिंह को भारतीय इतिहास में एक महान वीर योद्धा के रूप में याद किया जाता है। उनके जीवन की कई घटनाएं आज भी लोगों के दिलों में अमर हैं